जन्म लेते ही,
हमारा कागजीकरण कर दिया गया |
तत पश्चात थमा दिया गया कागजो का एक बण्डल ,
और कहा गया कि रट डालो इन्हें ,
यह तुम्हारे बेहतर जीवन के लिए है |
कागजो के वे बण्डल जीवन का हिस्सा होते चले गए ,
बाद में पता चला,
ये कागज दूसरे कागजो को पाने के लिए है |
बाद में पता चला,
ये कागज दूसरे कागजो को पाने के लिए है |
हमारे बेहतर जीवन के लिए है|
एक के बाद एक बण्डल आते चले गए ,
हम उसी में अपना सर खपाते गए ,
इसलिए कि कभी तो बेहतर जीवन मिलेगा,
इसलिए कि कभी तो बेहतर जीवन मिलेगा,
फिर बताया गया कि बेहतर जीवन का मतलब का मतलब यही दूसरे कागज है|
यही बताया जा रहा है ,
हमारी आने वाली पीढ़ी को ,
यही दूसरा कागज जिसके पास है ,
वही सफल है,
यही बताया जा रहा है ,
हमारी आने वाली पीढ़ी को ,
यही दूसरा कागज जिसके पास है ,
वही सफल है,
और उसी के पास बेहतर जीवन है|
दूसरा कागज तो मिलता चला गया ,
किन्तु एक बेहतर जीवन कि तलाश में आज भी भटक रहा हूँ|||||
किन्तु एक बेहतर जीवन कि तलाश में आज भी भटक रहा हूँ|||||
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