बुधवार, 31 अक्तूबर 2012

तिनका हूँ...

तिनका हूँ ,
हवावों में उड़ा जाता हूँ ।
खामोश होकर ,
तूफानों से लड़ा जाता हूँ ।
देख मत ,
ये रौद्र रूप हवावों का ,
पीछे जिनके ,
वीरान खड़ा पाता  हूँ ।।


शांत रह ,
ये तूफां तो कुछ पल का है ।
छंट जायेगा ,
आसमां में जो धुंधलका है ।
दिया मालिक ने  ,
लघुरूप तो क्या हुआ ?
ये इम्तहान ,
तेरी हिम्मत ,आत्मबल का है ।।

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